जन्माष्टमी क्या है

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का महत्वपूर्ण पर्व है।

जन्माष्टमी की तिथि 2023

इस वर्ष, जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी का शुभ समय

शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की रात 11:57 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर की रात 12:42 बजे तक रहेगा।

रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का महत्व

इस वर्ष, जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का संयोग है, जो इसे और भी शुभ बनाता है।

जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व

इस पावन दिन पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा, उपवास, और व्रत करने का महत्व है।

पूजा और उपवास की विधि

जन्माष्टमी के दिन, व्रत रात में बारह बजे के बाद ही खोला जाता है और फिर भगवान कृष्ण का जन्म कराया जाता है।

पारण का महत्व

जन्माष्टमी के दिन व्रत का पारण करने से सात जन्मों के पाप-ताप मिटते हैं।

ग्रहों की स्थिति

इस वर्ष, ग्रहों की स्थिति भी जन्माष्टमी को और भी खास बनाती है।

उपवास के नियम

जन्माष्टमी उपवास के दौरान उपवास करने के नियमों का पालन करें।

जन्माष्टमी का उत्सव

रात को शंख बजाकर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं और परमात्मा की श्रद्धा और भक्ति में भरपूर रूप से भागीदार हों।